SGOT (सीरम ग्लूटैमिक ऑक्सलोएसेटिक ट्रांसएमिनेज) और SGPT (सीरम ग्लूटैमिक-प्य्रूविक ट्रांसएमिनेज) दो प्रमुख लिवर एंजाइम हैं जो शरीर में पाए जाते हैं और लिवर स्वास्थ्य की जांच करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यदि आपको इन एंजाइमों का उल्लेख सुनने को मिलता है, तो आपके मन में यह सवाल उठता होगा कि इनका महत्व क्या है और वे आपके शरीर के स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करते हैं।
SGOT और SGPT दोनों ही एंजाइम हैं जो शरीर में पाए जाते हैं, और इनकी जांच रक्त प्रदर्शन के माध्यम से की जाती है। इस टेस्ट से यह जांचा जाता है कि व्यक्ति के लिवर के कार्यशील होने का स्तर क्या है। यदि SGOT और SGPT के स्तर सामान्य सीमा के बाहर होते हैं, तो इसका मतलब हो सकता है कि व्यक्ति के लिवर में समस्या हो सकती है।
लिवर के कार्यशील होने का स्तर SGOT और SGPT के स्तर से निगरानी रखना महत्वपूर्ण है, क्योंकि लिवर शरीर में मुख्य भूमिका निभाता है, जैसे विषाक्ति, पोषण प्रचलन, और रक्तम वृद्धि। यदि लिवर को क्षति पहुंचती है, तो SGOT और SGPT एंजाइम शरीर में अधिक मात्रा में पाए जाते हैं और उनके स्तर बढ़ जाते हैं।
SGOT और SGPT टेस्ट लिवर स्वास्थ्य की जांच में मदद करते हैं और यह भी सही तरीके से उपचार की आवश्यकता है या नहीं, इसे साबित करते हैं। व्यक्ति को सामान्य रूप से डॉक्टर की सलाह से SGOT और SGPT टेस्ट करवाना चाहिए, खासकर जब उन्हें लिवर समस्या के लक्षण दिखाई देते हैं। लिवर स्वास्थ्य का ध्यान रखना और समय पर चिकित्सक की सलाह लेना महत्वपूर्ण है ताकि रोग का पूर्ण उपचार हो सके।